देवली उपखंड के ग्राम बोयड़ा के ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी को जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंप कर ग्राम को नगर पालिका क्षेत्र में शामिल नहीं करने की मांग की है।
ज्ञापन में बताया कि ग्राम बोयड़ा वर्षों से ग्राम पंचायत कासीर में सम्मिलित है तथा ग्रामीणों को कोई परेशानी नहीं है। ग्राम बोयडा में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोग निवास करते है। ग्राम बोयडा का नगरपालिका क्षेत्र देवली में सम्मिलित करने से काफी समस्याओ का सामना करना पडेगा। समस्त ग्रामवासी ग्राम पंचायत कासीर में यथावत रहना चाहते है। यदि ग्राम पंचायत कासीर से पंचायत पुनर्गठन किया जाता है तो ग्राम देवपुरा, ठगरिया कॉलोनी, बोयडा को सम्मिलित कर नई ग्राम पंचायत देवपुरा का पुनर्गठन किया जाना क्षेत्र की जनता के लिए लाभदायक होगा। वर्तमान में उक्त तीनो गांवो के आबादी 3500 से भी अधिक है और उक्त तीनो गांवो में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगो की बाहुल्यता है। राज्य सरकार द्वारा ग्राम बोयडा को नगरपालिका क्षेत्र में शामिल करने के आदेश आने से पूर्व ही सरपंच ग्राम पंचायत कासीर द्वारा मनरेगा कार्य बन्द कर दिया गया है तथा प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभान्वित व्यक्तियो की किश्त राशि भी नहीं डाली जा रही है। इस प्रकार ग्राम बोयडा के व्यक्तियो को अपार हानि का सामना करना पड रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि ग्राम बोयडा को नगरपालिका क्षेत्र देवली में सम्मिलित नहीं कर नई ग्राम पंचायत देवपुरा पुर्नगठित की जाए। ज्ञापन देने वालों में अंबालाल, बाबूलाल, राकेश, सुरेश, बंसीलाल, कालूराम, मानसिंह, शांतिलाल आदि शामिल थे।
बोयड़ा के ग्रामीण नहीं चाहते हैं नगर पालिका में शामिल होना, जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

