राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जयपुर प्रांत के 26 अप्रैल से 10 मई तक चल रहे नारायण दर्शन यात्रा कार्यक्रम के अंतर्गत देवली के रामदेवजी के मंदिर में कथा वाचक तुलसी राम ने बताया कि ईश्वर को प्राप्त करने के लिए व्यक्ति बुद्धिमान होना आवश्यक नहीं है सच्चे मन से जो ईश्वर को याद करता है वह ईश्वर को प्राप्त कर लेता है।
कथा वाचक ने कहा कि समाज में जाति-पाति छुआछूत की व्यवस्था ईश्वर द्वारा निर्मित नहीं की गई बल्कि यह मनुष्य द्वारा निर्मित की गई है। ईश्वर ने सभी को मां के गर्भ में 9 माह रखा है मनुष्य संसार में आकर अपने कर्मों के आधार पर ही महान बनता है। अतः जाती,भाषा या रहन-सहन के आधार पर छुआछूत करना पाप है। कार्यक्रम में मोहल्ले वासियों द्वारा कथावाचक का माल्यार्पण कर सम्मान किया गया। कार्यक्रम में मोहल्ले की माता बहने एवं पुरुष समेत संघ के स्वयंसेवक भी उपस्थित रहे।