देवली के कोटा रोड पर निजी आवास में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिवस पर आचार्य पंडित योगेश शास्त्री ने शिव विवाह प्रसंग का वर्णन किया। शिव विवाह के भजनों से पंडाल में उपस्थित श्रद्दालु झूम उठे। इस दौरान कलाकारों ने शिव पार्वती भूत- बैताल की झांकी का शानदार मंचन किया।
कथावाचक ने बताया कि श्रीमद् भागवत की कथा देवताओं को भी दुर्लभ है। मृत्यु लोक में सुलभ है। कथा में सुखदेव जन्मोत्सव, वन गमन महाभारत का प्रसंग, भीष्म पितामह द्वारा पांडवों को दान धर्म के बारे में उपदेश देने की कथा श्रोताओं को सुनाई। कथा में दक्ष प्रजापति की कन्या सती के साथ भोलेनाथ का विवाह और भोलेनाथ सती पार्वती की बड़ी सुंदर झांकी दर्शकों को बतलाई गई। भक्तों ने शिव विवाह में भजनों के साथ महिलाओं ने नृत्य किया। कथा पांडाल में राधे-राधे नाम की जय कारों की गूंज रही।