देवली शहर के अटल उद्यान स्थित टीन शेड प्लेटफार्म पर चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन आयोजित कृष्ण महोत्सव में श्रद्धालुओं ने कृष्ण रुक्मणी का पूजन करते हुए जमकर नृत्य किया।
कथा का वाचन करती साध्वी प्रिया किशोरी ने ताया कि यशोदा ने जब कृष्ण के मिट्टी खाने की शिकायत पर मुंह खुलवाया तो कृष्ण ने अपनी माया के बल पर मैया यशोदा को ब्रह्माण्ड के दर्शन करवा दिया। यशोदा द्वारा संसार को चलाने वाले कन्हैया को उखल से बांधने का प्रसंग सुनाया। नंद बाबा द्वारा कृष्ण के जीवन का खतरा बताते हुए बैलगाड़ी से ग्वाल बाल के साथ वृंदावन जाना, कन्हैया का जिद कर जंगल में गाय चराने जाना, नीचे बैठकर ग्वालों के साथ रूखा सूखा भोजन खाना, ब्रह्मा जी को भ्रम होता है कि यह भगवान नहीं हो सकते हैं। कृष्ण की बाल लीलाओं में कंस द्वारा धेनुकासुर व आघासुर को भेजना, ग्वाल बालों को बचाकर आघासुर का उद्धार करना, यमुना के किनारे जाकर कालिया नाग का मर्दन कर उद्धार करना, मामा कंस का वध करना, कारागार में देवकी ओर बाबा को कैद से आजाद करवाना आदि का विस्तार से वर्णन किया। तत्पश्चात कृष्ण रुक्मणी विवाह का महोत्सव मनाया गया। इस दौरान महिलाओं ने जमकर नृत्य किया, कथा का समापन आरती व प्रसाद वितरण के साथ हुआ।